स्त्री का साथ – आरती झा आद्या

Post Views: 8 अरे ओ रतन की बहुरिया… चांदनी .. इतना सुन्दर नाम धरा तेरे बाप ने कि ईद का चांद ही हो गई है तू तो। कहां रहती है आजकल… रतन के बगल वाले घर में रहने वाली एक बुजुर्ग औरत जिसे सब बुआ कहते थे उन्होंने चांदनी को देख रोकते हुए पूछा। प्रणाम … Continue reading स्त्री का साथ – आरती झा आद्या