स्त्री और फूल  – कमलेश राणा

Post View 368 आज सुबह जब फूल लेने गई,,बगीचे में तो देखा,,आज तो बहुत सारे फूल खिले हैं,,मन खुश हो गया,,अरे वाह!आज तो कान्हा जी बड़े सुन्दर लगेंगे इनसे सजकर,, मैं फूल तोड़ने लगी तो सहसा एक फूल मेरी पकड़ सही न होने के कारण नीचे गिर गया,,,और एकाएक मैने उस फूल को उठा कर … Continue reading स्त्री और फूल  – कमलेश राणा