साॅरी दीदी – रेनू दत्त : Moral Stories in Hindi

Post View 7,343 वीनू दीदी की आज बहुत याद आ रही है। मेरे अंतस के किसी गहन कक्ष में एक अदालत बन गई है जहां जज, वादी, प्रतिवादी, गवाह सब मैं ही हूं। दीदी मुझसे चार साल बड़ी थी। उजले सूरज सा खिलता रंग, फुर्सत में बनाए गए नैन नक्श और उस पर सौम्यता की … Continue reading साॅरी दीदी – रेनू दत्त : Moral Stories in Hindi