सोने के पिंजरे से ज़्यादा आत्मस्वाभिमान की टूटी-फूटी झोपड़ी कहीं ज़्यादा अच्छी होती हैं। – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 2,023 अचानक से नींद खुली तो देखा सुबह के पाँच बज रहे थे…फ़ोन चार्जिंग के लिए उठाया तो एक मेसेज और कई मिस कॉल दिखी…अरे! ये तो मेरी सहेली गीता की बेटी की कॉल और मेसेज था, मेसेज पढ़ा तो.. दिल को धक्का लगा कि.. गीता के पति नहीं रहे, कल रात में … Continue reading सोने के पिंजरे से ज़्यादा आत्मस्वाभिमान की टूटी-फूटी झोपड़ी कहीं ज़्यादा अच्छी होती हैं। – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi