” सौम्या” (मार्मिक रचना) – गीतांजलि गुप्ता

Post View 5,623 रश्मि की आँखें बार बार दरवाज़े की ओर कुछ ढूंढती हुई चली जाती। कब आएगी, आती क्यों नहीं, आएगी भी या नहीं प्रश्न उसे कचोट रहे थे। सौम्या को गए कई दिन हो गए वह बिना कुछ बोले चली गई तब से रश्मि बिस्तर पर ही है। उदास खोई खोई ठीक से … Continue reading  ” सौम्या” (मार्मिक रचना) – गीतांजलि गुप्ता