समर्पण का ठप्पा… – स्मिता सिंह चौहान
Post View 13,722 राधिका अपनी ही तन्मयता में तेज तेज चली जा रही थी घर से काफी दूर आने के बाद उसे अपने हाथ में किसी का हाथ महसूस हुआ “पकड़ लिया कहां भागे जा रही हो? कबसे आवाज लगाकर तुमहारे पीछे पीछे भाग रही हूँ? तुम सुन ही नहीं रही हो। ” राधिका की … Continue reading समर्पण का ठप्पा… – स्मिता सिंह चौहान
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