समर्पण का ठप्पा… – स्मिता सिंह चौहान

Post Views: 3 राधिका अपनी ही तन्मयता में तेज तेज चली जा रही थी घर से काफी दूर आने के बाद उसे अपने हाथ में किसी का हाथ महसूस हुआ “पकड़ लिया  कहां भागे जा रही हो? कबसे आवाज लगाकर तुमहारे पीछे पीछे भाग रही हूँ? तुम सुन ही नहीं रही हो। ” राधिका की … Continue reading समर्पण का ठप्पा… – स्मिता सिंह चौहान