स्लम डॉग्स – रवीन्द्र कान्त त्यागी

Post Views: 7 एक चमचमाती सफ़ेद वॉल्वो बस गाँव के कच्चे रास्ते पर हिचकोले खाती हुई बरगद के पेड़ के नीचे आकर ठहर गई। जोहड़ में नगधड़ंग नहाते बच्चे, सिर पर घास का गट्ठर लादकर खेत से लौटती घसियारनें, बैलों का पगहा थामकर थके हारे धूल में अटे हरवाहे और हुक्का गुड्गुड़ाते झुर्रीदार मूछों वाले … Continue reading स्लम डॉग्स – रवीन्द्र कान्त त्यागी