सिंदूर की आभा – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Post View 2,028 जानकी जैसे ही सिंदूर खेला खेल कर  आई, राम ने पीछे से उसे पकड़ लिया, जानकी शरमा कर बोली, “ये क्या कर रहे हैं, छोड़िए!” “छोड़ने के लिए थोड़ी पकड़ा है।” राम मुस्कुरा कर बोला।  यह सुनते ही जानकी के चेहरे की सिंदूरी आभा शर्म की लाली से मिलकर और भी सुनहरी … Continue reading सिंदूर की आभा – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi