सिमटती दूरियाँ – स्नेह ज्योति

Post Views: 5 ट्रिन-ट्रिन घर की बेल बज़ी,दरवाज़े पे शोर मचा छोटू-छोटू नाम पर बहुत ऊँचा उद्घोष हुआ।तभी पापा श्री सरपट दौड़ते हुए बाहर निकले कही कोई और ना सुन ले ये नाम,पापा ने फटाफट दरवाज़ा खोल माँ को गले लगाया।आप तो कल आने वाली थी अम्मा! ,अगर आज आ गई तो क्या कचहरी लगाओगे।नहीं … Continue reading सिमटती दूरियाँ – स्नेह ज्योति