शुभारंभ – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

सेंटर टेबल पर रखे सांची का पत्र पढ़कर श्रीधर बाबू कटे वृक्ष के समान भूमि पर गिर गए। हाथों में सांची का पत्र खुला पड़ा था और उनकी आंखें जैसे पत्थर हो गईं थी। उनकी यह अवस्था देखकर उनकी पत्नी सुमित्रा जी दौड़कर आ पहुंची और उन्हें जब झकझोरते हुए पूछने लगी, “- क्या हुआ … Continue reading शुभारंभ – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi