श्रद्धांजलि (अंतिम भाग ) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

Post Views: 5 बदले में सुकन्या की हॅसी सुनाई दी – ” मुझे इतना मूर्ख कैसे समझ लिया? एक बार धोखा खाने के बाद दुबारा धोखा खाना मेरा स्वभाव नहीं है। मैं जानती हूॅ कि तुम कोई चाल चलकर मुझसे वो सारे प्रमाण प्राप्त करने का प्रयत्न करोगे लेकिन सूचना के लिये बता दूॅ कि … Continue reading श्रद्धांजलि (अंतिम भाग ) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi