शीतल पानी

Post View 637 चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री चाणक्य प्रतिभावान तो थे लेकिन बदसूरत थे. एक बार चंद्रगुप्त ने उनसे मजाक किया, ‘महामंत्री जी, कितना अच्छा होता कि आप प्रतिभावान होने के साथ-साथ सुंदर भी होते ? ‘ प्रत्युत्तर चाणक्य के स्थान पर महारानी ने दिया. बोलीं, ‘महाराज, रूप तो मात्र मृगतृष्णा है. वस्तुतः किसी भी … Continue reading शीतल पानी