Post Views: 4 चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री चाणक्य प्रतिभावान तो थे लेकिन बदसूरत थे. एक बार चंद्रगुप्त ने उनसे मजाक किया, ‘महामंत्री जी, कितना अच्छा होता कि आप प्रतिभावान होने के साथ-साथ सुंदर भी होते ? ‘ प्रत्युत्तर चाणक्य के स्थान पर महारानी ने दिया. बोलीं, ‘महाराज, रूप तो मात्र मृगतृष्णा है. वस्तुतः किसी भी … Continue reading शीतल पानी
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