Post View 170 मैं मित्रता के नाते हेमंत से मिलने गया ;हेमंत विधुर था तथा एक दुर्घटना की वजह से बिस्तर पर था। मैं कुर्सी खिसका कर बोला.”अनिल कहाँ है ?” हेमंत बोला “छत पर अपनी पत्नी रुचि के साथ धूप सेक रहा है।” “तुम भी धूप में लेट जाते …अनिल से बाहर फोल्डिंग पलंग … Continue reading श्रवण कुमार – दीप्ति सिंह
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