शक करना पत्नियों का अधिकार है – मनप्रीत मखीजा
Post View 661 “कितनी बार कहा है तुम्हें निशा, मेरे फोन कॉल रिसीव मत किया करो । कुछ इंटरनेशनल कॉल्स भी आते है तुम उनकी लैंग्वैज मे बात नही कर पाओगी। फिर वहाँ से ऑर्डर नही मिलते। ” इतने मे पुनीत का फोन बजा और पुनीत, “हैलो सर, हाऊ आर यू ” कहते.. फोन पर … Continue reading शक करना पत्नियों का अधिकार है – मनप्रीत मखीजा
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed