शक – गीता वाधवानी

Post View 4,474 नीरज बहुत गुस्से में चिल्लाया-“अनु यार बस करो, कितने सवाल पूछोगी? आधा घंटा हो गया ,जब से आया हूं सवाल पर सवाल पूछे जा रही हो। एक गिलास पानी का भी दिया नहीं है तुमने अब तक। शक करने की भी कोई हद होती है। ”  अनु-“मुझे लग रहा है तुम सच … Continue reading शक – गीता वाधवानी