सौभाग्यवती बनी रहो – अर्चना खंडेलवाल  : Moral Stories in Hindi

Post Views: 5 “मम्मी, मुझसे ये रोज-रोज साड़ी नहीं बंधती है, पर मम्मी जी की जिद है कि जब तक दादी जी गांव नहीं चली जाती, मुझे साड़ी पहननी है, ये भी कोई बात हुई, मम्मी जी भी ना कितने पुराने विचारों की है, मुझे तो लगा था कि मुझे मॉर्डन सास मिली है, नव्या … Continue reading सौभाग्यवती बनी रहो – अर्चना खंडेलवाल  : Moral Stories in Hindi