संस्कारों की लेखनी – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

Post Views: 6 आज दुल्हन के लिबास में रिया बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे कोई अप्सरा उतर आई हो। दिव्या की तो जैसे जान बसती थी उसमें,उसकी विदाई का सोच सोच कर दिव्या का कलेजा मुंह को आ जाता। अपने अधर पर मुस्कान सजाए वो अंदर ही … Continue reading संस्कारों की लेखनी – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi