“संस्कारों की गठरी” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi
Post View 75,422 जैसे ही वह कमरे से निकली माँ ने एक झनाटेदार थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया। वह अचानक से पड़े इस थप्पड़ से सहम गई । माँ जी आप ….आपने मुझे थप्पड़ क्यूँ…? “मर्यादा में रहो समझी तुम!” “चलो जाओ अपने कमरे में संस्कारहीन कहीं की “ माँ के गुस्से को देखते … Continue reading “संस्कारों की गठरी” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi
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