संस्कार तो गिरवी रख दिये – चेतना अग्रवाल

Post View 4,405 वह हमारा सपनों का घर था और आपने उसे गिरवी रख दिया।” कहते-कहते काजल की आँखों में आँसू आ गये। “मुझे भी बहुत दुख है, काजल। लेकिन मैं क्या करता। लड़के वालों की माँग थी गाड़ी की। कहाँ से देता…. कितना जोड़-तोड़ करके शादी का इंतजाम किया था। दो दिन रह गये … Continue reading संस्कार तो गिरवी रख दिये – चेतना अग्रवाल