संस्कार – मंजुला 

Post View 5,735 “शाम के साढे पाँच बज रहे थे। मैं न्यू मार्केट के बस स्टाॅप शेड में खड़ी बस का इंतज़ार कर रही थी। सामने से आती सूरज की चमकीली किरणें शेड से टकराती हुई मेरे चेहरे को जला रही थीं। शरीर पहले ही पसीने से तर-बतर हो रहा था। मैं दो कदम पीछे … Continue reading संस्कार – मंजुला