संस्कार – पूनम अरोड़ा

Post View 596 आज फिर काशी अब तक नहीं आई थी। नीता को ऑफिस जाने में देर हो रही थी, वो खुद ही बड़बड़ाती जा रही थी “कितनी बार उससे कहा है कि मेरे जाने से पहले आ जाया कर, बाद में आने से अभय को दरवाजा खोलने उठना पड़ता है और उसकी नींद खराब … Continue reading संस्कार – पूनम अरोड़ा