संस्कारी दिव्यांग – विनोद प्रसाद
Post View 1,283 अस्पताल के बेंच पर अकेला बैठा अरूण बार-बार ऑपरेशन थियेटर के बंद दरवाजे के खुलने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा था। भीतर उसकी पत्नी को प्रसव हेतु ले जाया गया था। बैठे-बैठे वह अतीत की गहराइयों में डूबता गया। दुनिया वाले भले ही उसे दिव्यांग मानते थे, लेकिन अरूण ने शारीरिक … Continue reading संस्कारी दिव्यांग – विनोद प्रसाद
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