संकोच की बेड़ियां – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi
Post View 1,876 सुदीप्ता घर की छोटी बेटी थी। मम्मी-पापा और दो साल बड़ा एक भाई थे परिवार में।पिता ने कड़ी मेहनत से कस्बे में अपना व्यवसाय स्थापित किया था,जिसमें अब सुदीप्ता के भाई(आशीष)भी अपना योगदान दे रहे थे। सुदीप्ता पढ़ने में शुरू से होशियार थी।परिवार की किसी भी बेटी को बाहर पढ़ने नहीं भेजा … Continue reading संकोच की बेड़ियां – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi
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