सांझे सुख दुःख – सुनीता मिश्रा

Post Views: 104 पिता की तेरहवीं होने के कुछ दिन पश्चात् निखिल नें सावित्री से कहा “माँ मेरी छुट्टियाँ खत्म हो रहीं हैं। इस मंडे को मुझे ऑफिस ज्वाइन करना है। मैं चाहता हूँ आप हमारे साथ चलें। दो दिन का समय है, आप तैयारी कर लें।” सावित्री कुछ देर चुप रहीं, फिर एक गहरी … Continue reading सांझे सुख दुःख – सुनीता मिश्रा