संदूक खुलाई – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

Post View 15,901 स्वाति ,मैं सुबह से कह रही थी कि  संदूक खोलने की रस्म कर लो …. रह गई  ना रस्म , और  बहू मायके चल पड़ी …. बता , रुकेगी क्या हफ़्ता-दस  दिन? नहीं तो रस्म अभी घर चलकर करवा देती हूँ । कल से पंचक लग रहे हैं, अब तो बहू सोमवार … Continue reading संदूक खुलाई – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi