सन्धि द्वार – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

Post View 1,711 लगभग चार साढे़ चार बजे थें, घरेलू उपयोग के जरूरी समानों की खरीदारी कर वैदेही घर की ओर  तेजी से पैदल ही बढ़ रही थी, क्योंकि उसे डर था, कि कामवाली लौट जाएगी, तो बर्तन की सफाई भी उसके सिर पड़ जाएगा। घर के करीब पहुंँची ही थी, कि उसकी निगाह सामने … Continue reading सन्धि द्वार – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi