समझौता – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Post Views: 4 ————- मां!” मैं अपने ख्वाबों से समझौता नहीं कर सकतीं हूं। आपने कितनी मुश्किलों का सामना करके मुझे इस काबिल बनाया कि आज मैं इस मुकाम पर हूं, सिर्फ इसलिए नौकरी छोड़ दूं कि मैं रवि से ज्यादा ऊंचे पद पर हूं और समाज में मेरा मान – सम्मान ज्यादा है। मां … Continue reading समझौता – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi