“समर्पण” – *नम्रता सरन “सोना”*
Post View 356 आज विदाई की वेला मे पाखी अपनी दोनों माँओं से लिपट कर फफककर रो रही थी…।दोनों माँओं ने उसे कलेजे से चिपका रखा था… ऐसा अद्भुत दृश्य था कि देखने वालों की आँखें भर आईं। बाईस वर्ष पूर्व मेघा बहू बनकर इस घर में आई थी।चार भाईयों के इस परिवार में वह … Continue reading “समर्पण” – *नम्रता सरन “सोना”*
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