“समर्पण” – *नम्रता सरन “सोना”*

Post Views: 2 आज विदाई की वेला मे पाखी अपनी दोनों माँओं से लिपट कर फफककर रो रही थी…।दोनों माँओं ने उसे कलेजे से चिपका रखा था… ऐसा अद्भुत दृश्य था कि देखने वालों की आँखें भर आईं। बाईस वर्ष पूर्व मेघा बहू बनकर इस घर में आई थी।चार भाईयों के इस परिवार में वह … Continue reading “समर्पण” – *नम्रता सरन “सोना”*