सजावट से स्वत्व तक – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Post View 1,386 वो हर सुबह उठते ही सबसे पहले आईने में अपना चेहरा देखती थी। एक महीन-सी मुस्कान, नपी-तुली भौंहों की कमानी, होंठों की सतर्क सजावट… सब कुछ वैसा ही जैसी दुनिया उसे देखने की उम्मीद करती थी। उसका नाम था—सुगंधा। बचपन से ही वो स्वयं के लिए ‘खूबसूरत’ शब्द ही सुनती बड़ी हुई … Continue reading सजावट से स्वत्व तक – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi