” सहारा देने वाले ही बेसहारा हो गए ” – अमिता कुचया

Post View 172 नीना बहुत खुबसूरत सी लड़की है ,उसकी मां ने उसके बचपन में लोगों के यहां बर्तन धोने का काम किया और उसने भी बड़े ही मुश्किल भरे दिन देखें। आज उसे अपना बचपन याद आ रहा था ।जब मां ने कहा-” तू रश्मि मैम साब के यहां चली जा।” तब नीना ने … Continue reading ” सहारा देने वाले ही बेसहारा हो गए ” – अमिता कुचया