सहारा – अंजू निगम

Post View 4,353    “माई अब इत्ते में गुजर नहीं होती। आप कोई और देख लो काम करने के लिए।”रमेशी ने जब ऐसा बोला तो अम्मा को विश्वास न हुआ।   छुटपन से अंम्मा ही पाले थी इस रमेशी को।उसकी माई तो जनम देते बखत ही परलोक जा बसी थी।बस गनीमत इत्ती रही कि उसके बाऊ ने … Continue reading सहारा – अंजू निगम