Post View 139 अरे तू बहुत मनहूस है, जितने भी लड़के देखने आए, वो सब तुझे मना करके चले गए, तू तो अमावस की वो काली रात है, जब पैदा हुई तो अपने ही मॉं-बाप को खा गई, और पता नहीं किस किस को खा कर दम लेगी ये लड़की, अब और कहॉं जाऊं, … Continue reading सहारा – निधि जैन
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed