सागर की लहर जैसा होना भी जरूरी कभी तेजी कभी शान्त•••••• – अमिता कुचया

Post Views: 5 नीता बिल्कुल हताश चुकी थी। क्योंकि हर समय घर की जिम्मेदारी के साथ  कहीं कुछ ग़लत हो जाए तो उसे ही दोषी ठहराया जाना, कहीं कुछ हो उसे ही सुनाया जाता। हर समय अपमान नहीं सह सकती थी।अब उसे लगा कि बहुत हुआ। एक दिन की बात है बहुत समय  बाद  नीता  … Continue reading  सागर की लहर जैसा होना भी जरूरी कभी तेजी कभी शान्त•••••• – अमिता कुचया