सच्ची मोहब्बत – गरिमा जैन 

Post Views: 7 प्रिय , मैं नहीं जानता कि मैं यह पत्र तुम्हें क्यों लिख रहा हूं। शायद पहले पत्रों की तरह तुम इसे भी फाड़ कर फेंक दो। डरती हो ना कहीं तुम्हारे पति को ना मिल जाए। कहीं तुम्हारी बसी बसाई गृहस्ती ना उजड़ जाए । सच बताऊं तुम डरपोक निकली। सिर्फ अपने … Continue reading सच्ची मोहब्बत – गरिमा जैन