शिवम एक सताईस वर्षीय लंबा ,स्मार्ट, हैंडसम नौजवान था | वह शिक्षा और संस्कार में भी बहुत अच्छा था | उसने बहुत मेहनत से अपनी पढ़ाई की थी और अब वह एक अच्छी कंपनी में बहुत अच्छे पद पर कार्यरत था | एक अच्छी कंपनी में वह इंजीनियर था | उसकी शादी के लिए बहुत रिश्ते आ रहे थे | उसकी मम्मी पापा ने कहा था कि अगर उसे कोई भी लड़की पसंद है तो वह उससे शादी कर सकता है परंतु शिवम अपनी पढ़ाई में
इतना व्यस्त रहा की उसकी दोस्ती तो कई लड़कियों से हुई परंतु बात सिर्फ दोस्ती तक ही रही प्यार तक नहीं आई | इसीलिए उसने अपने माता-पिता को यह जिम्मेवारी दी थी कि उसके लिए एक लड़की खोजें, जिससे वह शादी कर लेगा|उसके माता-पिता उसके लिए एक अच्छी लड़की खोज रहे थे जो शिवम के साथ-साथ उसके घर परिवार को भी संभाले क्योंकि शिवम अपने माता-पिता की इकलौती संतान था |
शिवम के पिता रामबाबू के एक मित्र थे रमेश बाबू | रमेश बाबू की एक लड़की थी रागिनी | रमेश बाबू रागिनी की शादी शिवम से करना चाहते थे | इसके लिए उन्होंने रामबाबू से बात की | रामबाबू उनकी शादी के लिए तैयार हो गए और उन्होंने शिवम को भी इसके बारे में बताया | शिवम उनकी बात मानकर अपने माता-पिता के साथ रागिनी के घर गया | वहां रागिनी और उसके माता-पिता ने रामबाबू और उनके परिवार का बहुत अच्छे से स्वागत किया | दोनों परिवार मिलकर खुश हुए | थोड़ी देर के बातचीत के बाद दोनों परिवार ने रागिनी और शिवम को थोड़ा समय अकेले मिलने के लिए कहा |
उन्होंने रागिनी को कहा कि शिवम को अपना घर दिखला दे | रागिनी शिवम को लेकर अपना घर दिखलाते हुए अपने कमरे में ले गई | थोड़ी सी औपचारिक बातचीत के बाद रागिनी ने शिवम से कहा कि वह उसे कुछ विशेष बात कहना चाहती है | शिवम के पूछने पर रागिनी ने बताया कि वह शिवम से शादी नहीं करना चाहती है , क्योंकि वह किसी और से प्यार करती है और उसी से शादी करना चाहती है| जब शिवम ने पूछा कि
यह बात उसने अपने माता-पिता को क्यों नहीं बताया तो रागिनी बोली कि उसने अपने माता-पिता को यह बात बताया है परंतु वे लोग उस लड़के के साथ रागिनी की शादी नहीं करना चाहते हैं क्योंकि वह लड़का बेरोजगार है | वह लड़का जिसका नाम नवीन है उसने और रागिनी ने एक साथ
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मैनेजमेंट की पढ़ाई की थी परंतु पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे नौकरी मिल गई,पर नवीन को अभी तक कोई नौकरी नहीं मिल पाई है और इसीलिए बेरोजगार होने के कारण उसके माता-पिता उसके साथ उसकी शादी नहीं करना चाहते हैं | उस पर शिवम ने पूछा कि तो उसका क्या इरादा है ? वह क्या चाहती है? रागिनी ने कहा कि अगर वह शादी से इनकार कर दे तो उसे नवीन के लिए इंतजार करने के लिए और कुछ वक्त मिल जाएगा
और हो सकता है कि तब तक उसे नौकरी भी मिल जाए| शिवम ने पूछा कि क्या नौकरी मिल जाएगी तो उसके माता-पिता नवीन के साथ उसकी शादी कर देंगे ? इस पर रागिनी ने कहा कि हां अगर नौकरी मिल जाएगी तो वह लोग उसके साथ कर देंगे उसकी शादी क्योंकि सिर्फ बेरोजगार होने के कारण ही उसके साथ उसकी शादी नहीं कर रहे हैं | इसपर शिवम ने कहा कि इस बात का उसके पास एक उपाय है | वह इस शादी से तो इंकार कर ही देगा जिससे रागिनी को शिवम का इंतजार करने के लिए और कुछ वक्त मिल जाए साथ ही
उसकी सच्चाई से बहुत प्रभावित है और उसकी मदद करना चाहता है | अगर रागिनी चाहे तो वह उसके कंपनी में कुछ पद खाली है और वह नवीन को वहाँ काम दिलवा सकता है | रागिनी ने कहा कि अगर ऐसा हो जाए तो यह उसके लिए बहुत ही अच्छी बात होगी और वह उसका उपकार जीवन भर मानेगी | इस पर शिवम ने कहा कि वह ऐसा ही करेगा और उसकी मदद जरूर करेगा क्योंकि वह उसकी सच बोलने और रिश्तों के प्रति ईमानदारी रखने की बात से बहुत प्रभावित हुआ है | रागिनी उसकी बात सुनकर बहुत खुश हुई और बोली -” अगर आपने मेरा यह काम कर दिया और नवीन के साथ मेरी शादी हो गई तो मैं आजीवन आपकी आभारी रहूँगी | “
” मैं अपनी तरफ से आपकी पूरी मदद करूंगा और आपकी शादी नवीन से जरूर होगी |” शुभम ने आगे कहा – ” आप नवीन के लिए सच्चा हमसफर बनेंगी, क्योंकि आप अपने रिश्ते के प्रति ईमानदार हैं और आपमें रिश्ते को बचाने की हिम्मत भी है, तभी तो आपने मुझे सब सच-सच बता दिया |अगर जिंदगी में सच्चा हमसफर मिल जाए तो जिंदगी का सफर खुशियों से भर जाता है |”
” ऐसा हुआ तो यह आप का हमपर उपकार होगा और मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसका बदला मैं कैसे चुकाऊंगी | ” रागिनी बोली |
” अपने जैसा ही सच्चाई पसंद, रिश्तों के प्रति ईमानदार और हिम्मती एक सच्चा हमसफर मेरे लिए खोजकर आप इस उपकार का बदला चुका सकती है |” शुभम हंसकर बोला |
” जी जरूर |” रागिनी भी हंसने लगी|
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इसके बाद दोनों बाहर आ गए और शुभम अपने माता-पिता के साथ घर आ गया | जैसा उसने रागिनी को कहा था, वैसा ही किया | उसने रागिनी से शादी करने से इंकार कर दिया, यह कहकर कि रागिनी उसे घमंडी लगी | रामबाबू उससे थोड़ा गुस्साए तो जरूर पर उसकी इच्छा न होने और पत्नी के समझाने पर ज्यादा गुस्सा नहीं किये | शुभम ने नवीन को अपनी कंपनी में उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दिलवा दिया | उसकी सहायता से रागिनी और नवीन की शादी हो गई | रागिनी ने भी शुभम के लिए अपनी एक सहेली रचना का रिश्ता बताया जो शुभम और उसके माता- पिता को पसंद आया |
इस तरह रागिनी, नवीन की और रचना, शुभम की सच्चा हमसफर बनकर सुखमय जीवन का आनंद उठाने लगे | उनके माता-पिता भी उनका सुखमय जीवन देखकर खुश हुए और भगवान् को धन्यवाद दिये |
# हमसफर
स्वलिखित और अप्रकाशित
सुभद्रा प्रसाद
पलामू, झारखंड |
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