सबका समय एक सा नहीं होता – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

Post View 5,829 “ऐ—- तुम जानते नहीं— मैं किसका बेटा हूं”! अगर उन्हें पता चला कि तू बड़ा इस क्लास में इतराते फिरता है— तो फिर तेरी खैर नहीं•••••• ! विकास सारांश को धमकाते हुए बोला  ।  “मैं तुम्हारे पापा को नहीं जानता••• वैसे वह जो कोई भी हो मैंने कुछ किया ही नहीं तो … Continue reading सबका समय एक सा नहीं होता – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi