सबक – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

राधा अनंत का प्रेमपत्र हाथ में लिए बैठी रही। क्या करूं? कैसे हो गया ये सब? भावनाओंके उद्रेक में, अनंत के प्रेमजाल में फँसी, छटपटा रही थी वह। खुद ही हैरान थी, उसकी मीठी-मीठी बातों में कैसे उलझ गयी वह। शादी का झांसा देकर वह चला गया। किसे कहे, उसके साथ उसने कैसा खेल खेला … Continue reading सबक – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi