सबक ( अपने लिए खुद लड़ना पड़ता है ) – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

काव्या जल्दी जल्दी रसोई का काम निपटाने में लगी हुई थी आज उसे अपनी सहेली के घर उसके गृहप्रवेश के कार्यक्रम में जाना था  काव्या ने रसोई का काम खत्म किया अपने माथे का पसीना  पोंछते हुए गहरी सांस ली वो थक गई थी आज रसोई में काम भी ज्यादा था उसका कहीं जाने का … Continue reading सबक ( अपने लिए खुद लड़ना पड़ता है ) – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi