साँवली – पुष्पासंजय नेमा : Moral Stories in Hindi

Post Views: 10   रोज की तरह  आज  फिर सब ऑगन  मे बैठ कर  सुबह  की गुनगुनी  धूप  का आनन्द  ले रहे थे इतने मे बाबूजी की कड़कदार आवाज  से साँवली  के हाथ  से गरम चाय  की पतीली छूट  गई  उसने झटपट  दूसरी चाय  बनाई और लेकर  गई  बाबूजी लीजिए  चाय  माफ कीजिए  आज  थोड़ी देर  … Continue reading साँवली – पुष्पासंजय नेमा : Moral Stories in Hindi