सालगिरह की सौगात – आरती झा आद्या

Post Views: 5 “दिवाली की सफाई के बाद थकी हारी सुहानी आराम कुर्सी पर अथलेटी सी बैठी थी, तभी गेट खोल कर दफ्तर का चपरासी रामविलास दाखिल हुआ।  “बहु जी, यह चिट्टियां लेकर आया हूँ, साहब का फोन भी आया था, मुंबई से कोलकाता के लिए चल पड़े हैं परसों लौट आएंगे।” उसने चिट्टियां देते … Continue reading सालगिरह की सौगात – आरती झा आद्या