रोज़ डे* – *नम्रता सरन “सोना”

Post View 1,063 “दीदी,अब जाऊं मैं, बहुत देर हो गई है, राजू के बापू भी घर आ गए होंगे” कामवाली रत्ना ने रात होते देख पूछा। “क्या यार, कभी कभी तो रोकती हूं तुझे, आज इनके कुछ दोस्त आने वाले हैं, इसीलिए तुझसे थोड़ा ज़्यादा काम करवा रही हूं, तू चिंता मत कर,अलग से पैसे … Continue reading रोज़ डे* – *नम्रता सरन “सोना”