रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसे जा रही थी – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

नन्हीं खुशबू का एक ही सपना था। उसे पहाड़ पर चढ़ना था लेकिन व्हीलचेयर पर बैठी खुशबू ये भी जानती थी कि ये सपना कभी पूरा नहीं होगा। लेकिन वो सपने ही क्या जो पूरा होने की ज़िद ना करे……रात दिन एक ही सोच कैसे करूँ अपना सपना पूरा। जुझारू तो बचपन से थी पर … Continue reading रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसे जा रही थी – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi