रोटी – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi
Post View 5,211 अपने गांव के पड़ोसी टोले से मांगी गई रोटियाँ कारी के लिए अनमोल थी। अपने दो बच्चों के साथ तीन शाम तक भूख से लड़ने के बाद गिड़गिड़ाने और आरजू-मिन्नत करने के बाद उसे रोटियाँ नसीब हुई थी, उस टोले के सचिन की मांँ की मेहरबानी से। नौरंगी जब जिन्दा था तो … Continue reading रोटी – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi
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