“रिश्तों की लक्ष्मण रेखा” – कविता भड़ाना : Short Stories in Hindi

Post Views: 100 सुहासिनी  झलकते हुए आंसुओ से अपने पिता को जाते हुए देखती रही, पर उन्हें पुकार कर, उनके गले लग कर, आंखों में आए हुए आंसुओ को दिखाकर, खुद को कमजोर नहीं दिखा सकती थी, इसीलिए बस उन्हें चुपचाप निहारती रही…. “जिस दिन दामाद जी तुम्हारी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दे, इस … Continue reading “रिश्तों की लक्ष्मण रेखा” – कविता भड़ाना : Short Stories in Hindi