रिश्तो की डोरी टूटे ना – मनीषा सिंह। Moral Stories in Hindi

Post View 3,907 “शीतल—- तुम्हें मेरे जज्बात से खेलने का हक किसने दिया?  मेरे साथ ये प्यार का नाटक किस लिए ?  क्यों इतने दिनों से मुझे इस भ्रम में रखा कि मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब हूं जिसे तुम मिली थी? कहां गए तुम्हारे कसम, जो तुमने साथ जीने- मरने के खाए थे? मुझे … Continue reading रिश्तो की डोरी टूटे ना – मनीषा सिंह। Moral Stories in Hindi