रिश्तों की अहमियत – गौरी भारद्वाज: Moral stories in hindi

Post View 6,829  प्रीति का  सिर दर्द से फटा जा रहा था और आंखें रो-रो कर लाल हो चुकी थी। पर उसकी पड़ी किसे थी? सब अपने-अपने काम में व्यस्त थे। जेठ जेठानी, ननद ननदोई सब अपने अपने घर जाने की तैयारी कर रहे थे।  “तुम्हें तो मेरे माता पिता की सेवा के लिए लाया … Continue reading रिश्तों की अहमियत – गौरी भारद्वाज: Moral stories in hindi