रिश्तों के रूप – रचना कंडवाल

Post Views: 3 गरिमा तुम मेरी बेटी की तरह हो।” ये सुनकर गरिमा को काटो तो खून नहीं। प्रोफेसर श्रीनिवास की आवाज ने उसे सहमा कर रख दिया। गरिमा का कालेज में नया दाखिला हुआ था। गरिमा दिखने में बेहद खूबसूरत थी। चंप‌ई रंग,कत्थ‌ई आंखें, मोहक हंसी,कमर तक लहराते हुए बादामी कलर के बाल उस … Continue reading रिश्तों के रूप – रचना कंडवाल