रिश्ते- स्नेह प्यार और परिवार – शैलेश सिंह “शैल,, : Moral Stories in Hindi

संयोगिता का विवाह  एक बड़े घराने में तय हो हुआ था। घर में रौनक ही रौनक थी। लड़के वालों को जैसी लड़की चाहिए थी संयोगिता बिल्कुल वैसी ही थी। संयोगिता के दूर के फूफा जी ये रिश्ता करवा रहे थे। बार-बार पूछने के बाद भी अभी तक फूफा जी ने राजेश जी को दहेज का … Continue reading रिश्ते- स्नेह प्यार और परिवार – शैलेश सिंह “शैल,, : Moral Stories in Hindi