रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग-4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Post Views: 13 “देख सुरेंद्र समय ने करवट ले ली है। हमारा छोड़, अब तो तेरा वाला समय भी नहीं रहा। अब बच्चों की रजामंदी से ही उनके जीवन का निर्णय लेना उचित है।” सुरेंद्र जो कि दो दिन बाद ही गाँव आता है.. उससे सुचित्रा कह रही थी।  “अम्मा अपनी बिरादरी की लड़की होती … Continue reading रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग-4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi