रिक्त स्थान (भाग 9) – गरिमा जैन

Post Views: 6 अगले दिन सुबह सुबह रेखा की घर की घंटी बजती है रेखा भागते हुए दरवाजा खोलती है “यह रूपा ही होगी वही लगातार घंटी बजा बजाकर मुझे सांस भी नहीं लेने देती। रुक जा रूपा की बच्ची अभी बताती हूं तुझे” रूपा उछलते हुए अंदर आती है उसके हाथ में अखबार था। … Continue reading रिक्त स्थान (भाग 9) – गरिमा जैन